सर्व मंगल मांगलये शिवे सर्वार्थ साधिके शरणये त्रयंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते माँ दुर्गा के 108 नाम सती साध्वी भवप्रीता भवानी भवमोचनी आर्या दुर्गा जया आद्या त्रिनेत्रा शूलधारीणी पिनाकधारिणी चित्रा चंद्रघंटा महातपा मन बुद्धि अहंकारा चित्ररूपा चित चिति सर्वमंत्रमयी सत्ता सत्यानंदस्वरूपिणी अनंता भाविनि भाव्या भव्या अभव्या सदागति शाम्भवी देवमाता चिंता रत्नप्रिया सर्वविद्या दक्षकन्या दक्षयज्ञविनाशिनी अपर्णा अनेकवर्णा पाटला पाटलावती पट्टाम्बर् परिधाना कलमंन्जीररंजिनि अप्रमेय- विक्रमा क्रूरा सुंदरी सुरसुंदरी वनदुर्गा मातंगी मतंगमुनि पूजिता ब्राह्मी माहेश्वरी ऐन्द्री कौमारी वैष्णवी चामुंडा वाराही लक्ष्मी पुरुषाकृति विमला उत्कर्षिणी ज्ञाना क्रिया नित्या बुद्धिदा बहुला बहुला प्रेता सर्ववाहन वाहना निशुंभशुम्भ- हननी महिषासुरमर्दिनी मधु कैटभ हन्त्री चंड मुंड विनाशिनी सर्वअसुर विनाशिनी सर्वदान वघातिनि सर्वशास्त्रमयी सत्या सर्वशास्त्रधरिणी अनेकशस्त्रहस्ता अनेकास्त्रधारिणी कुमारी एककन्या कैशौरी युवती यति अप्रौढा प्रौढा वृद्धमाता बलप्रदा महोदरी मुक्तकेशी ...
🙏 श्री राम स्तुति🙏 श्री रामचंद्र कृपालु भजमन हरण भव भय दारुणम्। नव कंज लोचन कंज मुख कर कंज पद कंजारुनम ।। कंदर्प अगणित अमित छवि नव नील नीरद सुंदरम । पट पीत मानहुँ तड़ित रुचि शुचि नौमी जनक सुता वरम।। भजु दीनबंधु दिनेश दानव दैत्य वंश निकंदनम । रघुनंद आनंद कंद कोशल चंद्र दशरथ नंदनम ।। सिर मुकुट कुंडल तिलक चारू उदारू अंग विभूषणम। आजनु भुज शर चाप धरि संग्राम जित खर दूषणम ।। इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजन । मम ह्रदय कंज निवास कुरु कामाधि खल दल गंजनम।। मन जाहिं राज्यो मिलहिं सो वर सहज सुंदर सावरो । करुणा निधान सुजान शील सनेह जानत रावरो।। एहि भांति गौरि असीस सुनि सिय सहित हिय हर्षित अली। तुलसी भवानी पूनि पुनि मुदित मन मंदिर चली।।